वरुण धवन ने पूछा अमित शाह से राम और रावण का अंतर: जानिए शाह का दिलचस्प जवाब - Varun Dhawan Asks Amit Shah About the Difference Between Ram and Ravan: Discover Shah's Insightful Response
Introduction: Overview of the Event
परिचय: कार्यक्रम का अवलोकन
15 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में आयोजित 'एजेंडा आज तक' कार्यक्रम में अभिनेता वरुण धवन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हुई एक दिलचस्प बातचीत ने मीडिया की नजरें खींच लीं। इस कार्यक्रम में दोनों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार साझा किए, जिसमें सबसे चर्चा में रहा वरुण धवन का अमित शाह से पूछे गए भगवान राम और रावण के बीच के अंतर के बारे में सवाल।
The Question: Varun Dhawan's Inquiry
सवाल: वरुण धवन का प्रश्न
कार्यक्रम के दौरान, वरुण धवन ने अमित शाह से पूछा,
"जो कुछ आपने यहाँ कहा, उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ। मैं जानना चाहता हूं कि भगवान राम और रावण के बीच सबसे बड़ा फर्क क्या है?"
इस सवाल ने तुरंत ही दर्शकों के बीच उत्साह और जिज्ञासा का माहौल बना दिया।
The Answer: Amit Shah's Insightful Response
उत्तर: अमित शाह का विचारशील जवाब
अमित शाह ने वरुण धवन के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा,
"राम और रावण के जीवन में सबसे बड़ा अंतर यह था कि राम ने अपने धर्म (कर्तव्यों) को हमेशा प्राथमिकता दी। उन्होंने अपने हितों को धर्म के आधार पर निर्धारित किया। दूसरी ओर, रावण अपने कर्तव्यों को अपनी इच्छाओं और स्वार्थों के अनुसार बदलने की कोशिश करता था। यही उनकी हार का कारण बना।"
शाह ने आगे बताया,
"रावण अपने ज्ञान और शक्तियों को लेकर अहंकारी था, जबकि राम को अहंकार का ज्ञान था और उन्होंने इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। राम का जीवन त्याग, धर्म और मर्यादा का प्रतीक था, वहीं रावण ने इन्हीं मर्यादाओं को तोड़ने का प्रयास किया। यही उनकी सबसे बड़ी त्रुटि थी।"
इस प्रकार, अमित शाह ने राम और रावण के चरित्रों में गहरे अंतर को स्पष्ट किया, जो दर्शकों के लिए ज्ञानवर्धक साबित हुआ।
Discussion on Dharma and Ego
धर्म और अहंकार पर चर्चा
वरुण धवन ने अमित शाह की इस बात से जुड़ते हुए कार्यक्रम में पहले दिए उनके एक बयान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा,
"रावण अपने ज्ञान और शक्तियों पर इतना गर्व करता था कि उसने यह सोचना ही बंद कर दिया कि उसका क्या परिणाम होगा। इसके विपरीत, राम ने अपनी क्षमताओं का उपयोग दूसरों की भलाई के लिए किया और अपने धर्म का पालन किया।"
अमित शाह ने इसे आगे बढ़ाते हुए कहा,
"धर्म का अर्थ केवल पूजा-पाठ या रीति-रिवाज नहीं है। धर्म का असली अर्थ अपने कर्तव्यों का पालन करना और अपने स्वार्थ को नियंत्रण में रखना है। राम ने इसे समझा और जिया, जबकि रावण इसे समझने में असफल रहा।"
इस चर्चा ने धर्म और अहंकार के महत्व को रेखांकित किया, जो भारतीय संस्कृति के मूल में निहित हैं।
Varun Dhawan's Praise: Calling Amit Shah 'Hanuman'
वरुण धवन की प्रशंसा: अमित शाह को 'हनुमान' कहना
इस चर्चा से प्रभावित होकर, वरुण धवन ने अमित शाह की प्रशंसा करते हुए उन्हें देश का 'हनुमान' कहा। उन्होंने कहा,
"जैसा कि राहुल (एंकर) ने कहा, लोग आपको राजनीति का चाणक्य कहते हैं। लेकिन मेरी नजर में आप इस देश के हनुमान हैं, जो निःस्वार्थ भाव से देश की सेवा करते हैं।"
इस बयान पर दर्शकों ने तालियां बजाईं और अमित शाह ने मुस्कुराते हुए इस तारीफ को स्वीकार किया। वरुण धवन की इस प्रशंसा ने अमित शाह की निष्ठा और समर्पण को उजागर किया।
Impact of the Conversation: Public Reaction
बातचीत का प्रभाव: सार्वजनिक प्रतिक्रिया
इस कार्यक्रम में हुई इस बातचीत ने जनता के बीच व्यापक चर्चा को जन्म दिया। सोशल मीडिया पर इस संवाद को लेकर कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं, जहाँ लोगों ने अमित शाह की गहरी समझ और विचारशील जवाब की सराहना की। वहीं, वरुण धवन की प्रशंसा ने भी उन्हें एक सम्मानित व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत किया।
Conclusion: Significance of the Dialogue
निष्कर्ष: संवाद का महत्व
वरुण धवन और अमित शाह के बीच हुई यह बातचीत भारतीय राजनीति और फिल्म उद्योग के बीच एक सेतु का काम करती है। इस संवाद ने न केवल राम और रावण के चरित्रों में अंतर को स्पष्ट किया, बल्कि धर्म और अहंकार के महत्व को भी उजागर किया। अमित शाह की विचारशीलता और वरुण धवन की प्रशंसा ने दर्शकों को एक सकारात्मक संदेश दिया है, जो समाज में नैतिक मूल्यों के महत्व को रेखांकित करता है।
इस प्रकार, यह कार्यक्रम एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है जहाँ विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तित्व मिलकर ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक संवाद करते हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम बढ़ते हैं।
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